पुस्तक का नाम : राधा की क्यारी
लेखक : सिराज अहमद
प्रकाशक : अकादमिक बुक्स इंडिया
फोन : 9910583406, 9873977321
मूल्य : 215 रुपए
25 कहानियों का संग्रह है, ‘राधा की क्यारी’। पुस्तक का आकार व मोटाई देखकर किसी बाल उपन्यास का भ्रम होता है। परंतु खोलो, तो कहानियां निकलती हैं, वह भी एक से बढ़कर एक। प्रथम कहानी ही संकेत दे देती है कि कहानियां बाल मन को ध्यान रखकर रची गई हैं, उनमें संदेश साधने या ढूंढ़ने का प्रयास न करें। समां बंधने की शुरुआत होती है, दूसरी कहानी ‘अम्मी नाराज नहीं हैं’ से। खेल-खेल में बच्चा अपनी अम्मा के टेप रेकार्डर को बर्बाद कर देता है। अम्मी नाराज होती हैं, पर वह हैं तो अम्मी हीं। रात होते-होते अम्मी नाराजगी छोड़, पुरानी अम्मी बन जाती हैं।
मां का ऐसा ही प्यारा रूप अगली कहानी ‘असलम का पठानी सूट’ में देखने को मिलता है। दर्जी के न सिलने पर खुद अम्मी पूरी रात बैठकर ईद पर पहनने के लिए बेटे के लिए मनपसंद पठानी सूट सिलती हैं।
इसी तरह ‘राधी की क्यारी’ ऐसी मासूम बच्ची की कहानी है, जिसकी क्यारी बरसात में खराब हो जाती है। फिर घर वाले मिलकर उसकी क्यारी को संवारते हैं।
‘लौट आई खुशी’ कहानी एक बकरे और बच्ची की है जिनमें स्नेह का बंधन जुड़ जाता है। बच्ची से अलग करने पर बकरा खाना पीना छोड़ देता है।
इस तरह आप पढ़ते जाइए, एक से बढ़कर एक कहानियां आपके सामने आती जाएंगी।
सिराज की कहानियों में एक रवानगी है। शैली बालकों के अनुरूप है। भाषा सरल और सहज है, जिसे बच्चे आसानी से ग्रहण कर सकते हैं।
समीक्षा अनिल जायसवाल
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